यंहा का प्राचीन घंटाघर की घड़ियां आज भी समय बताने का काम करती है।
यंहा के मुख्य चोराहों में झाला मान सर्किल जिसे गोल चोराहें के नाम से भी जाना जाता है।
यह सर्किल झाला मानसिंह को समर्पित है। यंहा झाला मानसिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित हैं।
इसके अलावा इस कस्बें का कानोड़ दरवाजा प्राचीन समय में लोगों को परकोटे के बाहर कानोड़ कस्बे की और जाने का मार्ग प्रदान करता था। बड़ी सादड़ी के सदर बाजार का प्राचीन समय में विशेष महत्व था। यह बाजार कभी बसों से गुलजार रहा करता था।
बड़ीसादड़ी की रोशनी में चार चांद यहां का सूर्य सागर तालाब लगाता है। जो वर्षा ऋतु में अपने पूरे यौवन पर रहता है।ये बड़ीसादडी के लोगों के लिए पेयजल का स्रोत भी हैं।
वर्तमान समय में बड़ी सादड़ी में झाला मंगरी पर निर्मित झाला मन्ना का पेनोरमा आने वाले समय में इस शहर के लिए चार चांद लगाने का काम करेगा।
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