Tuesday, 26 March 2019

सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ में फैला वन्य जीव अभयारण्य जो लगभग 323वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ हैं। यह क्षेत्र रामायण कालीन घटनाओं से संबंधित लोककथाएं  के कारण प्रसिद्ध है। यह माना जाता है कि माता सीता ने अपना अंतिम समय यही बिताया था।
सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य का निकटवर्ती रेलवे स्टेशन बड़ी सादड़ी हैं। जंहा से सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य की दुरी 18किलोमीटर हैं
सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य की शुरुआत दमदमा गेट से होती है। आगे जाकर भाग्यबावड़ी नामक पानी के दो छोटे कुंड स्थित है। जो मेलें के समय आने वाली लाखों की भीड़ के पानी पीने पर भी इसके जलस्तर  में   किसी प्रकार की कमी नहीं आती हैं।


आगे सफर में आपको यंहा हर  समय बहने वाली करमोई नदी के दर्शन होंगे जो कहते हैं। कि नौ अलग अलग धाराओं का रूप हैं। 
इसके आगे बारह बीघे में फैले बरगद के वृक्ष के दर्शन होंगे
कभी ये बरगद का वृक्ष लंबें क्षेत्र में फैले हुए था।


आगे के सफर में आपको वाल्मीकि आश्रम व धर्म कुंड पाप कुंड  सीतामाता के मुख्य मंदिर के दर्शन होंगे। 

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