Friday, 14 June 2019

राजपूतीं आन बान व सच्चें प्रेम पर आधारित फिल्म-सूर्य प्रथा


विश्व में मेवाड़ अपनी आन बान शान के लिए  जाना जाता हैं।
यहां के राजपूतों की गाथाएं अलग भागों में अलग अलग पत्रकार से वर्णित की जाती है।
सिर काट दे दियो क्षत्राणि जैसी पंक्तियां आज भी हमारे जहान में गूंजती रहती है।
ठीक इसी प्रकार के सच्चे प्रेम एवं राजपूती आन-बान शान व वचन निभाने की परंपरा को लेकर लेकसिटी उदयपुर में सूर्यप्रथा फिल्म की शूटिंग चल रही है।
*उदयपुर में बन रही राजपूती कल्चर पर आधारित एक कलेक्टर की सबसे अनोखी फ़िल्म "सूर्यप्रथा"*

 मेवाड़ की आन बान और शान कहे जाने वाले राजपूती कल्चर पर इन दिनों उदयपुर एवम चित्तौड़गढ़ की विभिन्न जगहों पर मेवाड़ के वचन निभाने की परंपरा, पवित्र प्रेम एवम इतिहास की सबसे अनोखी फ़िल्म सूर्यप्रथा की शूटिंग चल रही है ।
फ़िल्म निदेशक कृष्णार्जुन पार्थभक्ति ने बताया कि ये फ़िल्म आज की पीढ़ियों को प्रेरणा देने, सच्चे प्यार की अहमियत बताने के लिए एवम शिक्षा का महत्व बताने के लिए बनाई जा रही है । इस फ़िल्म का प्रमुख उद्देश्य जैसे श्रीराम ने वनवास में रहकर पिता को दिया वचन निभाया, महाराणा प्रताप ने पातलो में खाना खाकर मातृभूमि को दिया वचन निभाया, ठीक वैसे ही कैसे एक सामान्य परिवार का लड़का और लड़की अपना वचन निभाते है और   मेवाड़ के वचन निभाने की परंपरा को जिंदा रखते है । सूर्यप्रथा फ़िल्म में एक रजपूती परिवेश में पली बढ़ी लड़की के कलेक्टर बनने तक कि कहानी को दर्शाया गया है । फ़िल्म में मेवाड़ की कई प्रतिभाओ को भी मौका दिया गया है । यह फ़िल्म 15 अगस्त को यूट्यूब पर रिलीज होगी ।
उक्त फिल्म की शूटिंग उदयपुर चित्तौड़गढ़ बेंगू मेनार सहित कई अन्य स्थानों पर की गई है। इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया है। जो अपने आप में अलग  हैं। इससे स्थानीय प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा।
इस फिल्म में लीड रोल में उदयपुर की जाह्नवी और सूर्यो के रूप में भावेश नागदा नजर आएंगे। 
इस फिल्म  को बनाने में फिल्म के निर्देशक कृष्णा अर्जून पार्थ भक्ति  ने कठीन मेहनत की है। 
तथा उनका मानना है। कि यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आएगी। 
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Sunday, 9 June 2019

एक शाम पिपलिया भैरू के नाम -भव्य भजन संध्या जयसिंह पुरा

बड़ी सादड़ी शहर के निकटवर्ती गांव जयसिंह पुरा में स्थित पिपलिया भैरू के मंदिर पर एक शाम पिपलिया भैरू के नाम भजन संध्या का आयोजन श्री  देवनारायण धाकड़ श्री कमलेश धाकड़ श्री वृद्धि चंद जी धाकड़ की और से किया गया।
इस भव्य भजन संध्या में भजनों की प्रस्तुति डीजे किंग श्रीगोकुल जीशर्मा ,श्री सूरज जी चौबीसा ,श्री बबलू राजस्थानी द्वारा दी गई।
उक्त भजन संध्या में अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया तथा भजनों की प्रस्तुति का आनंद उठाया ।
इस भजन संध्या में  स्थानीय सांसद श्री मान सीपी जोशी ने भी शिरकत की। जिनका गांव के नागरिकों द्वारा स्वागत किया गया। तथा इस अवसर सासंद महोदय ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। अन्य गणमान्य अतिथियों का उपारणा ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
इस भजन संध्या का लाभ उठाने के लिए बढ़ी संख्या में मातृ शक्ति निकटवर्ती गांवों से भी उपस्थित हुईं।  इस कार्यक्रम के दौरान गोकुल शर्मा द्वारा भैरूजी के चरणों में अनेक भजनों की प्रस्तुति दी गई। जिस पर युवाओं द्वारा जमकर नृत्य किया गया।
भजनों की प्रस्तुति के दौरान ड्रोन द्वारा प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के ऊपर पुष्प वर्षा की गई । 
इस सम्पूर्ण कार्यक्रम केसुंदर नजारों को कैमरे में कैद करने का काम स्टार सेलिब्रेशन निंबाहेड़ा द्वारा किया गया। 
गोकुल शर्मा ने प्राचीन समय में गाते जाने वाले गीतों एवं बदलते जमाने के हिसाब से गाए जाने गीतों के बारे में भी बताया गया।इस भजन संध्या के दौरान जयपुर से आए एक कलाकार द्वारा मटकी नृत्य की प्रस्तुति भी भजन के साथ में दी गई। 
देर रात तक चलने वाली इस भजन संध्या में लोग जमें रहें तथा गोकुल शर्मा के भजनों का लुत्फ उठाते रहे। 
इस भजन संध्या में पधारे सभी नागरिकों का आयोजक टीम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 
समय समय इस प्रकार की भजन संध्याओं के आयोजनों से लोगों का जुड़ाव भारतीय संस्कृति से होता है। लोग ऐसे ऐसे कलाकारों से भी परिचित होते हैं। जिनकी एक अलग पहचान होती है। जो अभी तक अनेक लोगों की जानकारी से परे थें। 
निश्चित रूप से आयोजक टीम इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए धन्यवाद की पात्र है। पेश है। इस भजन संध्या की कुछ तस्वीरें
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Saturday, 8 June 2019

एक विद्यार्थी एक वृक्ष - स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल भदेसर

 आजकल बढ़तें हुए तापमान की हर जगह चर्चा हो रही है। आखिर कार धरती पर इस प्रकार से तापमान बढ़ने के पीछे क्या वजह है,को लेकर  सम्पूर्ण मानव जाति चिंतन करने में  लगीं हैं। जो कारण उभर कर सामने आ रहे हैं। उनमें से सबसे प्रमुख कारण बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड गैस  जो धरती के ऊपर स्थित वायुमंडल में एक प्रकार से कंबल का काम कर रही है। जिसे ग्लोबल वार्मिंग के नाम से भी जाना जाता है।
आखिर कार बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कम करने के लिए हम सभी को  मिलकर प्रयास करने होंगे।
ठीक ऐसा ही प्रयास राजकीय स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल भदेसर में देखने को मिला जहां पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं द्वारा एक अनूठी पहल शुरू की गई है। जो वास्तव में सराहनीय है।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर विद्यालय परिवार की ओर से एक विद्यार्थी एक वृक्ष अभियान का प्रतिकात्मक रूप से आगाज किया गया है।
इस अभियान के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक वृक्ष लगा कर उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई।
इस मौके पर  महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ कपिल ने विद्यार्थियों को मिट्टी एवं पौधों  को रोपने एवं किस प्रकार के पौधों का चयन  किस प्रकार की मिट्टी के लिए किया जाए पर जानकारी प्रदान की गई।
इस कार्यक्रम में 51पौधों को रोप कर एक विद्यार्थी एक वृक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अनूठी पहल के पीछे  स्थानीय विद्यालय के युवा प्रिंसिपल श्री हिमांशु ज्ञानी का अहम योगदान रहा है।
उनके ही मार्ग दर्शन में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने उक्त कार्यक्रम को सफल बनाया। तथा सच्चे अर्थों में पर्यावरण को बचाने में एक सार्थक पहल की शुरुआत की गई।




इस प्रकार के कार्यक्रम हमारे नव ऊर्जा वान पीढ़ी को पर्योवरण के प्रति जागरूक करने में अवश्य सहायक सिद्ध होंगे। 
हमें भी इस प्रकार के कार्यक्रम से एक सीख लेनी होगी। 
यदि वृक्ष रहेंगे तो ही धरती का श्रृंगार रहेगा। 
बिना पेड़ों के धरती वीरान होगी ।
आइए हमारी प्राचीन परंपरा की और फिर लौटे ज़हां 
कहा गया है ‌।
सिर सांटे रूख रहे तो भी सस्तो जांण
आइए हम भी वृक्षारोपण करें एवं अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। 
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किसानों के लिए निराशा का कारण बनती बड़ी सादड़ी धान मंडी

बड़ी सादड़ी धान मंडी कहने में तो किसानों के क्रय विक्रय का सहकारी केन्द्र है। लेकिन यदि आप इस मंडी का एक बार भ्रमण करलेगें। तो निश्चित रूप...