आजकल बढ़तें हुए तापमान की हर जगह चर्चा हो रही है। आखिर कार धरती पर इस प्रकार से तापमान बढ़ने के पीछे क्या वजह है,को लेकर सम्पूर्ण मानव जाति चिंतन करने में लगीं हैं। जो कारण उभर कर सामने आ रहे हैं। उनमें से सबसे प्रमुख कारण बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड गैस जो धरती के ऊपर स्थित वायुमंडल में एक प्रकार से कंबल का काम कर रही है। जिसे ग्लोबल वार्मिंग के नाम से भी जाना जाता है।
आखिर कार बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कम करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
ठीक ऐसा ही प्रयास राजकीय स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल भदेसर में देखने को मिला जहां पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं द्वारा एक अनूठी पहल शुरू की गई है। जो वास्तव में सराहनीय है।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर विद्यालय परिवार की ओर से एक विद्यार्थी एक वृक्ष अभियान का प्रतिकात्मक रूप से आगाज किया गया है।
इस अभियान के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक वृक्ष लगा कर उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई।
इस मौके पर महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ कपिल ने विद्यार्थियों को मिट्टी एवं पौधों को रोपने एवं किस प्रकार के पौधों का चयन किस प्रकार की मिट्टी के लिए किया जाए पर जानकारी प्रदान की गई।
इस कार्यक्रम में 51पौधों को रोप कर एक विद्यार्थी एक वृक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अनूठी पहल के पीछे स्थानीय विद्यालय के युवा प्रिंसिपल श्री हिमांशु ज्ञानी का अहम योगदान रहा है।
उनके ही मार्ग दर्शन में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने उक्त कार्यक्रम को सफल बनाया। तथा सच्चे अर्थों में पर्यावरण को बचाने में एक सार्थक पहल की शुरुआत की गई।
आखिर कार बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कम करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
ठीक ऐसा ही प्रयास राजकीय स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल भदेसर में देखने को मिला जहां पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं द्वारा एक अनूठी पहल शुरू की गई है। जो वास्तव में सराहनीय है।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर विद्यालय परिवार की ओर से एक विद्यार्थी एक वृक्ष अभियान का प्रतिकात्मक रूप से आगाज किया गया है।
इस अभियान के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक वृक्ष लगा कर उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई।
इस मौके पर महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ कपिल ने विद्यार्थियों को मिट्टी एवं पौधों को रोपने एवं किस प्रकार के पौधों का चयन किस प्रकार की मिट्टी के लिए किया जाए पर जानकारी प्रदान की गई।
इस कार्यक्रम में 51पौधों को रोप कर एक विद्यार्थी एक वृक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अनूठी पहल के पीछे स्थानीय विद्यालय के युवा प्रिंसिपल श्री हिमांशु ज्ञानी का अहम योगदान रहा है।
उनके ही मार्ग दर्शन में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने उक्त कार्यक्रम को सफल बनाया। तथा सच्चे अर्थों में पर्यावरण को बचाने में एक सार्थक पहल की शुरुआत की गई।
इस प्रकार के कार्यक्रम हमारे नव ऊर्जा वान पीढ़ी को पर्योवरण के प्रति जागरूक करने में अवश्य सहायक सिद्ध होंगे।
हमें भी इस प्रकार के कार्यक्रम से एक सीख लेनी होगी।
यदि वृक्ष रहेंगे तो ही धरती का श्रृंगार रहेगा।
बिना पेड़ों के धरती वीरान होगी ।
आइए हमारी प्राचीन परंपरा की और फिर लौटे ज़हां
कहा गया है ।
सिर सांटे रूख रहे तो भी सस्तो जांण
आइए हम भी वृक्षारोपण करें एवं अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।
पढ़ते रहिए अपना बड़ी सादड़ी
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